पुंछ में हुए आतंकी हमले में गांव तलवंडी भरथ का रहने वाला वीर सपूत हरकृष्ण सिंह हुआ शहीद
•इस आतंकी हमले में पांच जवान हुए शहीद, इन पांच में चार पंजाब के है सैनिक
•शनिवार को पहुंचेगा शहीद का पार्थिव शरीर और पैतृक गांव में ही होगा अंतिम दाह संस्कार
विक्की कुमार
बटाला/फतेहगढ़ चूडि़यां। जम्मू कश्मीर के पुंछ क्षेत्र में वीरवार की शाम को भारतीय सेना की गाड़ी पर आतंकी हमले में पंजाब के शहीद हुए 4 जवानों में से एक हरकृष्ण सिंह बटाला के गांव तलवंडी भरथ का रहने वाला था। शुक्रवार सुबह जैसे ही इस शहादत की खबर को गांव के लोगों ने सुना तो पूरे गांव में ही मातम छा गया। शहीद के घर से रोने-बिलखने की आवाजें आ रही थी। शहीद के गांव से इकत्रत की गई जानकारी के अनुसार अगर बात करें शहीद हरकृष्ण की शख्सियत की तो देश की खातिर शहादत का जाम पीने वाला बटाला के गांव तलवंडी भरथ का रहने वाला वीर सैनिक 27 वर्षीय हरकृष्ण सिंह गांव के स्कूल और वहां के शिक्षकों से बेहद प्यार करता था। जब भी वह छुटटी पर आता तो काफी समय वह गांव के स्कूल में ही बतीत करता। पिछले चार पीढ़ियों से भारतीय सेना की सेवा करने वाले परिवार के इस शहीद को अपने गांव के लोगों से भी बेहद लगाव था।
हमेशा हंसने खेलने वाला और साकारत्मक सोच के मालिक हरिकृष्ण सिंह की पुंछ में एक आतंकी हमले में शहीद होने की जब खबर गांव के लोगों ने सुनी तो ऐसा लगा जैसे मानों पूरा गांव में सन्नाटा पसर हो गया हो। पारिवारिक सदस्यों पर तो मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा हों। मां की बूढ़ी और कमजोर आंखों में आंसु थम नही रहे थे तो दूसरी ओर पत्नी दलजीत कौर का रो-रो कर बुरा हाल था। शहीद की पत्नी दलजीत कौर ने बताया के वीरवार को उनकी अपने पति से वीडियो कॉल पर बातचीत हुई थी और वे लंबे समय तक बातचीत करते रहे। कॉल के दौरान परिवार के सदस्यों के बारे में हाल चाल पूछा लेकिन जब उसने करीब तीन बजे हरकृष्ण सिंह को दोबारा फोन लगाया तो किसी ने फोन नही उठाया। देर शाम को सेना अधिकारियों ने उनकों हरकृष्ण सिंह की शहादत के बारे में सूचना दी। वहीं पिता मंगल सिंह का कहना है कि उन्हें गर्व है अपने बेटे की शहादत पर। परिवार वालों का कहना है कि शहीद हरकृष्ण का पार्थिव शरीर शनिवार सुबह गांव तलवंडी भरथ में पहुंचेगा।
बतां दें कि शहीद हरकृष्ण सिंह (27) निवासी तलवंडी भरथ 49 राष्ट्रीय राइफल में सेवा निभा रहा था। शहीद हरकृष्ण सिंह 2017 में फौज में भर्ती हुआ था। शहीद का पिता मंगल सिंह भी फौज से सेवामुक्त हुए हैं। शहीद अपने पीछे पत्नी और 3 साल की बच्ची छोड़ गया है। अभी फरवरी 2023 में शहीद 1 महीने की छुट्टी काट कर वापस अपनी ड्यूटी पर गया था।