प्रथम बलिदान दिवस पर नम आंखों से स्मरण किए गए मनदीप सिंह बाजवा
न्यूज4पंजाब ब्यूरो
बटाला,12 अक्तूबर। भारतीय सेना की 16 राष्ट्रीय राइफल्स (11सिख) यूनिट के नायक मनदीप सिंह बाजवा जो एक वर्ष पहले जम्मू-कश्मीर के पुंछ सेक्टर के सुरनकोट क्षेत्र में पाक प्रशिक्षित आतंकियों से लोहा लेते हुए शहादत का जाम पी गए थे का प्रथम बलिदान दिवस शहीद सैनिक परिवार सुरक्षा परिषद के महासचिव कुंवर रविंदर सिंह विक्की की अध्यक्षता में बुधवार को निकटवर्ती गांव चट्ठा में शहीद के निवास स्थान पर आयोजित किया गया, जिसमें स्टेशन हैडक्वार्टर तिब्बड़ी कैंट से 19 सिख रेजिमेंट के कैप्टन सुखदेव सिंह बतौर मुख्य मेहमान शामिल हुए। इनके अलावा शहीद की माता मनजीत कौर, पत्नी मनदीप कौर, बेटा मनताज सिंह, भाई हवलदार जगरूप सिंह, शहीद लेफ्टिनेंट नवदीप सिंह अशोक चक्र के पिता कैप्टन जोगिंदर सिंह, शहीद लांसनायक संदीप सिंह शौर्य चक्र के पिता जगदेव सिंह व माता कुलविंदर कौर, शहीद सिपाही मक्खन सिंह के पिता हंस राज, शहीद इंस्पेक्टर जगजीत सिंह के भाई दलजीत सिंह, शहीद सिपाही जतिंदर कुमार के पिता राजेश कुमार, शहीद कांस्टेबल मनिंदर सिंह के पिता सतपाल अत्री, शहीद सिपाही सुखविंदर सिंह के पिता हवलदार सीता राम , शहीद की यूनिट के हवलदार जगजीत सिंह व हवलदार हरपाल सिंह आदि ने विशेष मेहमान के तौर पर शामिल होकर शहीद नायक मनदीप सिंह बाजवा को श्रद्धासुमन अर्पित किए। सर्वप्रथम श्री आखंड पाठ साहब का भोग डालते हुए रागी जत्थे द्वारा बैरागमय कीर्तन कर शहीद को नमन किया गया।
राष्ट्र पर मर मिटने वाले जांबाज सैनिकों का एक ही लक्ष्य विजय या वीरगति: कुंवर विक्की
श्रद्धांजलि समारोह को संबोधित करते हुए परिषद के महासचिव कुंवर रविंदर सिंह विक्की ने कहा कि राष्ट्र की बालिवेदी पर कुर्बान हुआ शौर्य, त्याग व बलिदान का प्रतीक बलिदानी सैनिक एक सच्चा संत सिपाही होता है जिसकी कोई जात या मजहब नहीं होता उसका एक ही धर्म होता है इंसानियत जिसकी सुरक्षा में वो अपने प्राणों की आहुति देकर अपना सैन्य धर्म निभा जाता है तथा राष्ट्र पर मर मिटने वाले मनदीप जैसे जांबाज सैनिकों का एक ही लक्ष्य होता है विजय या वीरगति। उन्होंने कहा जब भी देश की सुरक्षा को खतरा पैदा हुआ मनदीप जैसे जांबाज सैनिकों ने दुश्मन के नापाक इरादों को नेस्तनाबूद करते हुए अपने प्राणों की बाजी लगा इस देश की एकता व अखंडता को हमेशा बरकरार रखा है। कुंवर विक्की ने कहा कि अक्सर लोग कहते हैं समय बहुत बलवान होता है, हर जख्म को भर देता है मगर शहादत का जख्म ऐसा होता है जो समय गुजरने के साथ और भी हरा हो जाता है तथा अपनों को खोने के गम में शहीदों के परिजन एक जिंदा लाश बन कर रह जाते हैं। इसलिए मनदीप के बलिदान दिवस पर हम सबको यह संकल्प लेना होगा कि जिन अमर वीरों ने देश के आने वाले कल के लिए अपना आज कुर्बान कर दिया उनके परिजनों के मनोबल को कभी टूटने न दें तथा उनके मान-सम्मान को हमेशा बहाल रखें, यही मनदीप जैसे बलिदानी सैनिकों की सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
मनदीप के रूप में यूनिट ने खोया अनमोल हीरा: कैप्टन सुखदेव
कैप्टन सुखदेव सिंह ने कहा कि मनदीप एक बहादुर सैनिक होने के साथ-साथ एक आला दर्जे का फुटबाल का खिलाड़ी भी था जिसने कई बार अपनी वीरता से यूनिट का नाम रोशन किया। उन्होंने कहा कि मनदीप के रूप में यूनिट ने अपना अनमोल हीरा खोया है जिसकी भरपाई कभी नहीं हो सकती। उन्होंने कहा कि एक सैनिक परिवार से ज्यादा यूनिट में अपने अफसरों तथा जवानों के साथ अधिक समय गुजारता है इस लिए उसके जाने का दुख जहां परिवार को होता है वहीं परिवार से ज्यादा यूनिट के लिए अपने साथी को खोने का दर्द असहनीय होता है। उन्होंने शहीद मनदीप के परिजनों को भरोसा दिलाते हुए कहा कि जिस घर का चिराग देश के बालिवेदी पर कुर्बान हो जाता है उसका दुख वो भली भांति महसूस कर सकते हैं मगर भारतीय सेना हमेशा अपने शहीद परिवारों के साथ खड़ी है हम उनके लड़कों की शहादत की गरिमा को कभी धूमिल नहीं होने देंगे।