20 दिनों के बाद कनाडा से गांव अम्मोंनंगल पहुंची करणपाल की मृतक देह का किया अंतिम संस्कार
⇒पिता ने अपने बेटे करणपाल की देह को मुख्यअग्नि दी, माहौल हुआ गमगीन
⇒11 मार्च को कनाडा में हुए सड़क हादसे में पांच समेत करणपाल सिंह की हुई थी मौत
⇒करणपाल सिंह के पारिवारिक सदस्यों ने कनाड़ा में रहने वाले पंजाबी छात्रों का किया धन्यवाद
विक्की कुमार
बटाला। कनाडा में हुए सड़क हादसे में मारे गए पांच छात्रों में से करणपाल सिंह की मृतक देह बुधवार को 20 दिनों के बाद बटाला के गांव अम्मोंनंगल पहुंची। जैसे ही शव गांव पहुंचा तो माहौल गमगीन हो गया। करणपाल सिंह की मृतक देह को देखकर पारिवारिक सदस्यों के दुख का कोई ठिकाना ही नही रहा। हर आंख में आंसू थे। बुधवार को बाद दुपिहर अम्मोंनंगल में करणपाल सिंह का अंतिम संस्कार कर दिया गया। पिता परजीत सिंह ने अपने बेटे करणपाल की देह को मुख्यअग्नि दी। इस मौके पर करणपाल सिंह के मामा मलकीत सिंह ने कहा कि करणपाल सिंह को स्ट्डी के लिए कनाडा गया था। उन्होंने कहा कि उन्होंने कर्ज लेकर विदेश भेजा था। विदेश इस लिए भेजा था कि अपने देश में रोजगार नही है और न ही युवकों के लिए सरकार रोजगार को प्रबंध करती है। उन्होंने बताया कि करणपाल सिंह की मौत के बाद न तो कनेडियन और ना ही भारत सरकार ने उनकी कोई मदद की है। उन्होंने कनाडा के छात्रों और कनाडा के रहने वाली पंजाबियों का धन्यवाद करते हैं कहा कि उक्त लोगों ने ही करणपाल सिंह की मृतक देह का उनके गांव में भेजने के लिए हर तरह मदद की है। वह कभी कनाडा के पंजाबी छात्रों का भी देन नही दे पांएगे। इस मौके पर मृतक करणपाल सिंह की दादी रजवंत कौर ने सरकारों को अपील करते हुए कहा कि सरकार अपने नौजवानों को अपने देश में ही रोजगार मुहैया करवांए ताकि अपने मुल्क के बच्चों को विदेशों में भेजने की जरूरत ही ना पड़े। सरकार बेरोजगारी को दूर करें ताकि करणपाल सिंह जैसे होनहार छात्रों को ऐसे हादसों से बचाया जा सके।
बतां दे कि जनवरी 2021 में गांव अम्मोंनंगल के रहने वाले 22 वर्षीय करणपाल सिंह कनाडा में स्ट्डी करने के लिए गया था। वहां उसने पढ़ाई के बाद अपने परिवार के सपनों को साकार करना था लेकिन बदकिस्मती से 11 मार्च 2022 को जब करणपाल सिंह अपना आखिरी पेपर देकर वापिस अपने साथियों संग एक कार पर वापिस आ रहा था तो रास्ते में एक ट्राले से उनकी कार टकरा गई जिसमें पांच छात्रों की मौत हो गई जिसमें करणपाल सिंह भी था।