मां के कंधे पर विदा हुए मनदीप- शहीद मनदीप सिंह का सैन्य सम्मान के साथ पैतृक गांव चट्ठा में अंतिम संस्कार
⇒सोमवार को जम्मू-कश्मीर में आतंकियों से लोहा लेते वक्त मनदीप सिंह हुए थे शहीद।
न्यूज4पंजाब ब्यूरो
बटाला,13अक्तूबर(विक्की कुमार)- जम्मू-कश्मीर के राजौरी सेक्टर में सुरक्षा बलों और आतंकियों के बीच हुई मुठभेड़ के दौरान बटाला के गांव चट्ठा के रहने वाले 30 वर्षीय मनदीप सिंह की हुई शहादत के बाद बुधवार को मनदीप सिंह का पार्थिव शरीर उसके पैतृक गांव चट्ठा पहुंचा। मनदीप का पार्थिव शरीर पहुंचते ही पूरे गांव में मातम छा गया। जैसे ही मनदीप सिंह के पार्थिव शरीर को फौज की एक टुकड़ी गांव में लेकर दाखिल हुई तो मनदीप की मां ,पत्नी और छोटा भाई बेहाल हो गए। पूरे गांव के लोगों की आंखे भी नम हो गई। इससे पहले गांव में निकाली गई अंतिम यात्रा के दौरान गांव के युवा वर्ग ने पाकिस्तान मुर्दाबाद और शहीद मनदीप सिंह जिंदाबाद के नारे लगाए।
वहीं युवा वर्ग ने इस अंतिम यात्रा में मनदीप सिंह की वह नीले रंग की 22 नंबर जरसी जिसे मनदीप सिंह कभी पहनकर फुटबॉल खेलता था,को भी प्रदर्शित किया और मनदीप की पुरानी यादों को ताजा किया। सबसे पहले मनदीप सिंह का पार्थिव शरीर उसके घर ले जाया गया और उसके बाद उसके पार्थिव शरीर को गांव के श्मशान घाट में ले जाया गया । इसके बाद सरकारी और सैन्य सम्मान के साथ वीर सैनिक मनदीप सिंह का अंतिम संस्कार किया गया। मनदीप की चिखा को उसके चार साल के बड़े बेटे मनताज सिंह ने मुखाअिग्न दी। मनदीप सिंह के बड़े बेटे को उसके ताया जगरूप सिंह ने उठाया हुआ था। इस मौके पर11 सिख युनिट की 16 राष्ट्रीय राइफल के जवानों ने हवाई फायरिंग करके शहीद को सैन्य अंदाज में सलामी दी। अंतिम संस्कार के वक्त कैबिनेट मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा पहुंचे और परिवार वालों से दुख व्यक्त किया। वहीं इस मौके पर शहीद सैनिक परिवार सुरक्षा परिषद के महासचिव कुंवर रविंदर सिंह विक्की ने भी शहीद के परिवार से संवेदना व्यक्त की।
बतां दे कि शहीद के अंतिम संस्कार में पंजाब के सीएम चरणजीत सिंह चन्नी ने गांव चट्ठा में आना था। बकायदा तौर पर गांव चट्ठा में एक हेलीपैड भी तैयार किया गया था लेकिन वह बुधवार को अंतिम संस्कार के वक्त नहीं पहुंचे। इस मौके पर पहुंचे प्रशासनिक अधिकारियों और राजनीतिक शखशियतों ने शहीद मनदीप सिंह को श्रद्धांजलि भेंट की। इस मौके पर मनदीप की मां,पत्नी और दोनों भाईयों ने शहीद मनदीप को सैल्युट कर अपना आखिरी सलाम भेंट किया।
मां व फौजी भाई ने दिया मनदीप की अर्थी को कंधा-
शहीद नायक मनदीप सिंह की मां मनजीत कौर व भाई हवलदार जगरुप सिंह ने जब वर्दी में उसकी अर्थी को कंधा दिया तो शव यात्रा में मौजूद हजारों आंखें नम हो उठी। सेना के जवान पाइप बैंड की मातमी धुन के साथ मनदीप के शव को शमशानघाट लेकर पहुंचे। शहीद की चिता को जब उसके चार वर्षीय बेटे मनताज व बड़े भाई जगरुप ने अगिन दिखाई तो सारा श्मशानघाट शहीद मनदीप अमर रहे, पाकिस्तान मुर्दाबाद, भारतीय सेना जिंदाबाद व भारत माता की जयघोष के साथ गूंज उठा।
गांव में शहीद मनदीप सिंह के नाम पर यादगारी शहीदी गेट बनेगा- तृप्त बाजवा
वहीं कैबिनेट मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा ने कहा कि वह आज शहीद मनदीप सिंह के परिवार से दुख व्यक्त करने पहुंचे हैं। केंद्र सरकार और पाकिस्तान सरकार दोनों को जागना चाहिए। किसी भी मसले का हल गोलियों से नही होता। वहीं उन्होंने कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने पहले ही इस बात की घोषणा कर दी है कि शहीद परिवार को 50 लाख रुपए और एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाएगी। इसके अलावा शहीद मनदीप सिंह के नाम पर गांव में एक यादगार शहीदी गेट भी बनाया जाएगा।
अटूट हौंसले की मिसाल- शहीद मनदीप के दोनों बेटे अपने शहीद पिता की तरह देश की सरहदों की रक्षा करेंगे-
शहीद की पत्नी मनदीप कौर ने अपनी पति को आखिर सलाम करने के बाद कहा कि उसको अपने पति पर गर्व है कि उसने अपनी जिंदगी अपने देश के ऊपर न्यौश्वार कर दी है। उसके लिए मनदीप सिंह आज भी जिंदा है और आगे भी जिंदा ही रहेगा। उसका पति उसके लिए अमर है। अपने अटूट हौंसले की मिसाल देते हुए शहीद की पत्नी मनदीप कौर ने आगे बड़ी दृढ़ता से कहा कि उसके दो बेटे हैं। वह दोनों को भारतीय फौज में भेजेगी और उसके दोनों ही बेटे अपने पिता शहीद मनदीप सिंह की तरह देश की रक्षा करेंगे। वहीं उन्होंने कहा कि अपने पति की शहादत पर उन्हें गर्व है मगर साथ ही वह यह जरूर कहना चाहती है कि उसके लिए यह वह घाटा है जो कभी भी पूरा नहीं होगा।शहीद नायक मनदीप सिंह की पत्नी मनदीप कौर ने कहा कि मेरे पति आज भी मेरे लिए जिंदा है। मेरे दोनों बेटे मेरी ताकत बनेंगे तथा उन्हें भी मैं फौज में भेजकर अपने शहीद की पति के सपनों को साकार करूंगी। उन्होंने कहा कि मुझे अपने पति की शहादत पर मान है, जिसने देश की सुरक्षा में अपने प्राणों की आहुति देकर अपना सैन्य धर्म निभाया।
मां बोली-पहले सिर का साईं गया, अब जिगर का टुकड़ा हुआ वतन पर कुर्बान-
शहीद नायक मनदीप सिंह की मां मनजीत कौर ने नम आंखों से कहा कि तीन साल पहले उनके पति का देहांत हो गया था। उस सदमे से वह अभी उभर भी नहीं पाई थी कि उसके जिगर का टुकड़ा वतन पर कुर्बान हो गया। उसने कहा कि बेटे के जाने का दुख तो बहुत है, लेकिन इस बात का गर्व भी है कि वो देश की सुरक्षा में अपने प्राणों की आहुति देकर मुझे एक शहीद की मां का दर्जा दे गया।
आतंक के पौषक पाक को एक और सर्जिकल स्ट्राइक की जरुरत-कुंवर विक्की-
शहीद सैनिक परिवार सुरक्षा परिषद के महासचिव कुंवर रविंदर सिंह विक्की ने कहा कि आतंक के पौषक पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित आतंकवाद से आए दिन हमारे जवान शहीद हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि जितने सैनिक कश्मीर में अब तक शहीद हो चुके हैं, उतने तो 1965 व 1971 की जंग में भी नहीं हुए थे। इस लिए सरकार को चाहिए कि आतंकवाद का फन कूचलने के लिए कोई ठोस नीति बनाएं। उन्होंने कहा कि आतंक के पौषक पाकिस्तान पर जब तक एक सर्जिकल स्ट्राइक नहीं की जाती, तब तक इन शहीदों की आत्मा को शांति नहीं मिलेगी। इस मौके पर शहीद के चचेरे भाई गुरविंदर सिंह, शहीद लांसनायक संदीप सिंह शौर्य चक्र के पिता जगदेव सिंह, शहीद सिपाही जतिंदर कुमार के पिता राजेश कुमार, शहीद सिपाही प्रगट सिंह के पिता प्रीतम सिंह, शहीद की युनिट के नायक गगनदीप सिंह, हवलदार कमलजीत सिंह, नायब गुरविंदर सिंह, जिला रक्षा सेवाएं भलाई विभाग के सुपरिटेंडेंट सुदेश कुमार, फील्ड अफसर मेजर सिंह, सुरिंदर सिंह, दलबीर सिंह व रुपिंदर सिंह आदि उपस्थित थे।