विशेष- हंसमुख स्वभाव से हर किसी को अपना बना लिया करते थे शहीद सैनिक मनदीप सिंह

न्यूज4पंजाब ब्यूरो

बटाला,12अक्तूबर (विक्की कुमार)- बटाला के गांव चट्ठा के रहने वाला शहीद सैनिक मनदीप सिंह इतने हंसमुख स्वभाव के मालिक थे कि किसी भी राहीगर को भी मिंटों में अपना दोस्त बना लेते थे। मन में किसी के प्रति कोई द्वेष भावना ही नहीं थी। व्यवसाय से वह फौजी जरूर थे लेकिन मन इतना कोमल के किसी के दुख को देखकर पिघल जाया करते थे। ऐसा कहना है कैथल (हरियाणा) से गांव चट्ठा पहुंचे शहीद मनदीप सिंह के मासड़ अनूप सिंह का। मंगलवार को मासड़ अनूप सिंह ने बताया कि रविवार रात को उसने मनदीप को फोन लगाया लेकिन मनदीप का फोन नहीं लगा तो उन्होंने मनदीप के बड़े भाई जगरूप सिंह जो फौज में फाजिल्का में तैनात हैं,को फोन लगाया और उससे पूछा कि मनदीप का फोन नहीं लग रहा। उस समय उनके दिल में कोई नई टीस उठ रही थी और बार-बार मनदीप की याद आ रही थी। तभी सोमवार को बाद दोपहर मनदीप के शहीद हो जाने की खबर ने उनको झिंजोड कर रख दिया। उन्होंने सरकार से मांग की कि सरकार शहीद के परिवार को ज्यादा से ज्यादा सहायता प्रदान करें और शहीद की विधवा पत्नी और उसके बच्चों के बारे में सोचे।

                                                        गांव चट्ठा में विलाप करती हुई शहीद की पत्नी मनदीप कौर

वहीं बड़े भाई जगरूप सिंह ने बताया के मनदीप सिंह का स्वभाव इतना हंसमुख था कि वह उसे (जगरूप सिंह ) को अपना बड़ा भाई ही नही बल्कि एक दोस्त की तरह व्यवहार करता था। जगरूप सिंह ने बताया कि उसका भाई मनदीप सिंह सैनिक के साथ साथ फुटबाल का एक बढ़िया खिलाड़ी भी था। गौर हो कि सोमवार को जम्मू-कश्मीर के राजौरी सेक्टर में सुरक्षा बलों और आतंकियों के बीच हुई मुठभेड़ के दौरान भारतीय फौज के पांच जवान शहीद हो गए थे जिसमें बटाला के गांव चट्ठा के रहने वाले सैनिक मनदीप सिंह ने भी शहादत पाई थी।

वहीं बतां दे कि मंगलवार को भी शहीद मनदीप सिंह के घर में से रौनें,विलापों की आवाजें आ रही थी। शहीद के घर में गांव के लोग और रिश्तेदार घरवालों को सांत्वना देने पहुंच रहे थे। शहीद की पत्नी मनदीप कौर और मां मनजीत कौर का रो-रो कर बुरा हाल था। शहीद मनदीप के दोनों छोटे-छोटे बेटे अपने घर में रो‌तें,बिलखते लोगों को देखकर सहमें हुए थे। वहीं गांव के लोग और रिश्तेदार शहीद मनदीप की मां और पत्नी को हौंसला देने में लगे हुए थे।

⇒परिवार के लिए पैसा अथवा नौकरी मनदीप सिंह की कमी को पूरा नही कर सकती- डीसी मोहम्मद इश्फाक।

वहीं मंगलवार को गुरदासपुर के डिप्टी कमिश्नर मोहम्मद इश्फाक भी परिवारिक सदस्यों से दुख व्यक्त करने शहीद के गांव पहुंचे। डीसी ने बताया कि सरकार की तरफ से नार्मज के अनुसार जो सभी सरकारी सुविधाएं बनती हैं,वे  सभी परिवार को दी जाएंगी। डीसी ने आगे कहा कि परिवार के लिए पैसा अथवा सरकारी नौकरी मनदीप सिंह की कमी को पूरा नही कर सकती। उन्होनें बताया कि मंगलवार को आर्मी की एक टुकड़ी शहीद मनदीप का पार्थिव शरीर लेकर राजौरी से चल पड़ी हैं। मंगलवार की रात व‌ह जम्मू पहुंचेगे और बुधवार को शहीद का पार्थिव शरीर उसके पैतृक गांव चट्ठा में पहुंचेगा ,जहां सरकारी एवं सैन्य सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। 

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