भारत बंद को मिला पूर्ण समर्थन,बाजार,दुकानें रहीं बंद
⇒धरने-प्रदर्शनों का सिलसला रहा जारी, बटाला के गांधी चौंक में लगाया टैंट
न्यूज4पंजाब ब्यूरो
बटाला।कृषि कानूनों के खिलाफ संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से सोमवार को भारत बंद के आहवान को लेकर प्रदर्शनकारी संगठनों को बटाला में पूरा समर्थन मिला। बटाला का शहरी क्षेत्र और ग्रामीण क्षेत्र पूरी तरह से बंद रहा। सोमवार को सड़कें बिल्कुल शांत दिखी और दुकानें बंद रही। यातायात महज ना मात्र के बराबर रहा। सारा दिन नेशनल हाईवे और लिंक सड़कों पर धरने प्रदर्शनों का सिलसिला चलता रहा। सोमवार सुबह 6:00 बजे से लेकर शाम के 4:00 बजे तक सड़कों पर चक्का जाम रहा। बटाला के गांधी चौंक में तो प्रदर्शनकारियों ने बीच चौंक में टैंट लगा दिया और सारा दिन प्रदर्शन करते रहे। वहीं इस मौके पर विभिन्न किसान-मजदूर संगठनों ने केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए तीन कृषि बिलों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और इसे जल्द रद्द करने की मांग को दोहराया।
घरने , प्रदर्शनों के दौरान प्रदर्शनकारी संगठनों के किसान-मजदूर नेताओं ने कहा जब तक केंद्र की मोदी सरकार इन कृषि कानूनों को वापिस अथवा रद्द नहीं करती तब तक उनका संघर्ष ऐसे ही चलता रहेगा। किसानों ने जो जंग शुरू की है उसे जीत कर ही वह दिल्ली से वापस आएंगे।
बंद के दौरान लोग सब्जियों को तरसे।
भारत बंद के दौरान बटाला की सब्जी और फल मंडी पूरी तरह से बंद रही। सोमवार को सड़कों पर ना तो सब्जी की रेहड़ी दिखी और ना ही फलों की रेहडी देखने को मिली। सब्जी ना आने से आम लोगों को सब्जी की किल्लत महसूस हुई। वहीं सब्जी और फलों की रेहडी लगाने वाले लोगों का सोमवार को मंदा ही रहा। यातायात बंद होने की वजह से शहरों में गांव से आने वाले दूध की सप्लाई भी नहीं हो पाई।
आपातकालीन परिस्थितियों से निपटने के लिए जिला प्रशासन पूरी तरह से मुसतैद दिखा।
बंद को लेकर जिला प्रशासन द्वारा किसी भी आपातकालीन परिस्थितियों से निपटने के लिए पूरी तरह से पुख्ता प्रबंध किए गए थे। जिला प्रशासन की तरफ से पूरे जिले में धारा 144 लगाई गई थी जिसके तहत एक जगह पर 5 अथवा 5 से अधिक लोगों का इकट्ठा होने पर पाबंदी थी लेकिन बंद के दौरान कहीं इस धारा कोई प्रभाव नही दिखा। वही बंद के दौरान अमन और कानून की व्यवस्था बनाए रखने के लिए जिला प्रशासन की तरफ से विभिन्न सब डिविजन के अधीन आते धरना स्थलों पर विभिन्न ड्यूटी मजिस्ट्रेट लगाए गए । इसके अलावा बंद के दौरान मेडिकल स्टाफ को भी अपने हेड क्वार्टर पर उपस्थित रहने के आदेश दिए गए ताकि हर एमरजेंसी हालातों में किसी मुश्किल का सामना ना करना पड़े और मेडिकल टीमों, आवश्यक दवाइयां और एंबुलेंस को भी तैयार रहने के आदेश दिए गए थे।