जो रसोई गैस सिलेंडर कभी बुकिंग के सात दिन बाद मिलता था अब बिना बुकिंग आधे घंटे में मिलने लगा
- जो रसोई गैस सिलेंडर कभी बुकिंग के सात दिन बाद मिलता था अब बिना बुकिंग आधे घंटे में मिलने लगा
- सिलेंडर की कीमत 900 रू से कम होकर 600 रूपए हुई,फिर भी सिलेंडर की बिक्री में भारी कमी
- होटल,रेस्तरां,टी-स्टॉल और ढाबे बंद होने की वजह से भी प्रभावित हुआ गैस सिलेंडर कंपनियों का कारोबार
- यह है लॉकडाऊन का प्रभाव
न्यूज4पंजाब ब्यूरो
बटाला। लॉक डाऊन के दौरान जो रसोई गैस सिलेंडर बुकिंग करवाने के बाद करीब सात-सात दिन बाद मिलता था,वह इन दिनों एजेंसी में बिना बुकिंग करवाए एजेंसी में मात्र एक फोन करने से मिल रहा है। फोन करो और करीब आधे घंटे के बीच सिलेंडर आपके घर होगा। शायद सिलेंडरों की मांग कम होने और सिलेंडरों की संख्या ज्यादा होने से ऐसा हो रहा है। सिलेंडर का हाथों-हाथ मिलने के कई कारण हैं। लॉक डाऊन की वजह से होटल,रेस्तरां,टी-स्टॉल और ढाबे बंद हैं जहां यह सिलेंडर भारी मात्रा में इस्तेमाल होते थे। होटलों और रेस्तरां के बंद होने की वजह से भी एजेंसियो के गोदामों में भारी संख्या में गैस सिलेंडर पड़े हुए हैं। वहीं लॉक डाऊन होने के कारण विशेष तौर पर मजदूर वर्ग पिछले दो माह से काम पर नही गया जिसके कारण उनके पास पैसों की कमी होने के कारण गैस सिलेंडरों की खरीदारी में भी कमी आई है क्योंकि अगर इन लोगों के पास पैसे ही नही होंगे तो वह सिलेंडर कहा से खरीद पांएगे। चाहे इस कोरोना काल के दौरान गैस सिलेंडर की कीमत बहुत कम कर दी गई है मगर गरीब व मजदूर लोगों के पास पैसों की कमी होने के कारण सिलेंडर की बिक्री कम है। जो सिलेंडर दो माह पहले 900 रूपए में आता था,वह इन दिनों 600 रूपए प्रति सिलेंडर मिल रहा है। इस संबंध में बटाला में सिलेंडर सप्लाई करने वाले बग्गा और गैस कंपनी में मैनेजर के रूप में कार्यारत जसविंदर सिंह कलसी ने बताया कि इस समय उनके गोदाम में बड़ी संख्सा में सिलेंडर पड़े हैं। अब तो बुकिंग करवाने की भी जरूरत नही है। उन्होंने बताया कि लॉडाऊन के कारण गरीब लोगों के पास पैसों की कमी की के कारण सिलेंडरों की वह खरीददारी नही हो रही जो कभी हुआ करती थी। उसने बताया कि उनकी कंपनी ने लॉकडाऊन से पहले जो सिलेंडर खरीदे थे,वह उस समय के भाव से खरीदे थे लेकिन आज इन सिलेंडरों का रेट कम होने के कारण उनका लाखों का नुकसान हुआ है जिसकी भरपाई कर पाना कठिन होगा