सीएम पंजाब द्वारा अमृतसर में विरासती मार्ग पर स्थापित लोक नाच के बुत हटाकर उचित जगह पर लगाने के दिए आदेश
-बुत तोडऩे वाले नौजवानों की धार्मिक भावनाओं के मद्देनजऱ मुख्यमंत्री द्वारा उनके खि़लाफ़ दर्ज मामलों को विचारने और वापस लेने के आदेश
न्यूज4पंजाब ब्यूरो
चंडीगढ़, 28 जनवरी। अमृतसर में पवित्र स्थान श्री दरबार साहिब की ओर जाते विरासती मार्ग पर लगाए गए गिद्दे-भंगड़े के बुतों पर सिख भाईचारे द्वारा उठाए गए ऐतराज़ पर उनकी भावनाओं का सत्कार करते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने सांस्कृतिक मामलों बारे विभाग को यह बुत वहां से हटाने और शहर में ही किसी अन्य उपयुक्त स्थान पर लगाने के हुक्म दिए हैं।यह बुत पिछली अकाली-भाजपा सरकार के दौरान लगाए गए थे और बीते 15 जनवरी को भावना के आवेश में आकर कुछ नौजवानों ने इनकी तोड़ -फोड़ कर दी थी। इस तोड़ -फोड़ में शामिल नौजवानों के प्रति उदारता दिखाते हुए मुख्यमंत्री ने डी.जी.पी. को सात प्रदर्शनकारियों के खि़लाफ़ दर्ज मामलों की समीक्षा करने और इनके विरुद्ध दर्ज आई.पी.सी. की कठोर धाराओं को वापिस लेने के हुक्म दिए है। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि इन नौजवानों की यह कार्यवाही किसी दुर्भावना का हिस्सा नहीं थी बल्कि यह सिख भाईचारे की तरफ से महसूस की जा रही पीड़ा का प्रदर्शन था क्योंकि पवित्र गुरुद्वारा साहिब की सीमा के साथ गिद्दे-भंगड़े को दिखाते बुत स्थापित करने से सिख ह्रदयों को ठेस पहुँची। बता दें कि पिछली अकाली -भाजपा सरकार ने विरासती मार्ग पर गिद्दे-भंगड़े वाले बुत स्थापित करवाए थे और अक्तूबर, 2016 में इनका उद्घाटन किया था। प्रदर्शनकारियों में लोक नाच के बुत लगाने पर रोष पाया जा रहा था और इन्होंने इसे सिख धार्मिक भावनाओं का उल्लंघन बताया क्योंकि यह बुत पवित्र दरबार साहिब के बिल्कुल नज़दीक स्थापित किये गए हैं। प्रदर्शनकारियों ने इन बुतों को नुक्सान पहुँचाया क्योंकि वह महसूस करते थे कि बुतों से उनको ठेस पहुँची है।आरोपियों के खि़लाफ़ केस दर्ज किया गया था।