नही थम रहा बेरिंग कॉलेज के मैदान से रास्ता निकालने का विवाद
- कॉलेज प्रबंधन बोला- जीते जी वह कॉलेज की एक ईंट नही उखाडने देंगे
न्यूज4पंजाब ब्यूरो
बटाला। बेरिंग कॉलेज के मैदान से सरकारी रास्ता निकालने का मसला दिन ब दिन पेचीदा होता जा रहा है। इस मसले के कारण बटाला में राजनीतिक आक्रोश भी देखने को मिल रहा है। वहीं कॉलेज प्रबंधन रास्ता न देने की बात पर अडा है और कॉलेज के शिक्षकों द्वारा प्रद्रर्शन किए जा रहें है। इसी मसले को लेकर सोमवार को कॉलेज मैनेजमैंट के आफिस में एक प्रेसवार्ता की गई। प्रेस कान्फेस में कॉलेज के प्रोपर्टी मैनेजर डेनियल बी दास ने बताया कि इस कॉलेज को 100 साल से भी ज्यादा समय हो गया है, लेकिन इस समय के अंदर किसी प्रशासनिक यां स्टेट गवर्मेंट को इस रास्ते की याद तक नहीं आई। लेकिन अब कुछ लोगों द्वारा कॉलेज मैनेजमेंट को तंग परेशान करके कॉलेज की ग्राउंड से रास्ता निकाला जा रहा है। मैनेजमेंट इस रास्ते को निकालने वाले प्रशासनिक व सरकार की कड़ी निंदा करके उन्हें चेतावनी देते हैं, कि अगर सरकार ने कॉलेज की एक ईंट भी उखाड़नी चाही, तो मैनेजमेंट चुप नहीं रहेगी और स्टूडेंट्स को साथ लेकर सड़कों को जाम कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा, कि यह प्रोपर्टी मिशनरी ने दी है यह प्रोपर्टी सरकार की नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार तो विकास की बात करती है, कॉलेज की ग्राउंड को तोड़ कर कौन सा विकास होता है। उन्होंने कहा कि 1978 में पटवारी और कानूगो द्वारा निशानदेही करके यह दीवार बनाई गई थी अब कैसे यह गैरकानूनी कैसे हो गई। उन्होंने कहा कि इस पैदा हुए माहौल के कारण कुछ दिनों से कॉलेज के टीचर्स और स्टूडेंट्स में डर बना हुआ है। वहीं कॉलेज के प्रिंसीपल डॉ एडवर्ड मसीह ने कहा कि इतने बड़े कॉलेज की ग्राउंड को खराब करके से शहर को भी नुकसान होगा क्योंकि यह शहर की इकलौती ऐसी ग्राउंड है जहां पर लोग सैर और खेलने के लिए आते है। वह प्रशासन और सरकार से अपील करते हैं कि वह कॉलेज की मैनेजमेंट और स्टूडेंट्स के हित में फैसला करे।
बाक्स- कॉलेज रास्ता बनने के लोक हित के कार्य में अपना योगदान दे- गुरिंदर सिंह बाजवा।
दूसरी ओर, बार्डर डिस्ट्रिक इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के प्रधान गुरिंदर सिंह बाजवा ने प्रेस कान्फ्रेंस के दौरान कहा है कि प्रशासन द्वारा जालंधर रोड से काहनूवान रोड वाली सड़क की निशानदेही को लेकर कुछ लोग मुद्दा बना रहे हैं। यह सड़क महाराजा शेर सिंह के समय की है और आज भी यह सड़क रेवीन्यू रिकॉर्ड में है। उन्होंने कहा कि हंसली नाले के दूसरी तरफ काहनूवान रोड वाली सड़क पर उनका पिछले 50 सालों से कब्जा है, जो हमने प्रशासन के कहने पर छोड़ दिया है, क्योंकि यह लोक हित का कार्य है। उन्होंने कहा कि बेरिंग कॉलेज के प्रबंधक और अध्यापक जो समाज को सही शिक्षा देने वाले लोग हैं, को इस सड़क बनने के लोक हित कार्य में योगदान देना चाहिए।