सुखजिंदर रंधावा ने सुखबीर बादल को किसी भी निष्पक्ष जांच एजेंसी या मौजूदा जज से जांच करवाने के लिए दी चुनौती।
-मौजूदा कांग्रेस सरकार ने गैंगस्टरों पर नकेल कसने और जेलों में सुधार के लिए अहम कदम उठाए- रंधावा
न्यूज4पंजाब ब्यूरो।
बटाला। जेल और सहकारिता मंत्री सुखजिन्दर सिंह रंधावा ने अकाली नेताओं द्वारा लगाए जा रहे आरोपों पर बोलते हुए कहा है कि वह किसी भी निष्पक्ष जांच एजेंसी या फिर सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट के मौजूदा जज से जांच के लिए तैयार हैं परन्तु साथ ही उन्होंने सुखबीर सिंह बादल को खुली चुनौती दी है कि वह भी अपने अकाली राज के समय पर घटी बेअदबी की घटनाओं, बिक्रम मजीठिया द्वारा गैंग्स्टरों को पनाह देने के दोषों की समयबद्ध जांच करवाने के लिए तैयार रहें। उन्होंने कहा कि वह हर प्रकार की जांच के लिए लिख कर देने को तैयार हैं और साथ ही सुखबीर और मजीठिया भी जांच के लिए लिख कर दें।
इसके साथ ही जेल मंत्री ने बिक्रम मजीठिया की जा रही बयानबाज़ी पर आरोप लगाते हुए कहा कि पिछली सरकार के समय पर अमन कानून की बुरी व्यवस्था और जेलों के बेकार प्रबंधों की क्षतिपूर्ति मौजूदा सरकार को भुगतनी पड़ रही है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह के नेतृत्व अधीन राज्य सरकार द्वारा मार्च 2017 से होंद में आने के बाद जेल विभाग में सुधार के लिए इंकलाबी कदम उठाए गए। इसके अलावा गैंगस्टर कल्चर को नकेल डालने के लिए ‘ज़ीरो टॉलरैंस’ अपनाते हुए कार्रवाई की जा रही है। पिछली सरकार के 10 साल के कार्यकाल में जहां जेलों में हिंसा की घटनाओं में वृद्धि हुई वहीं मौजूदा सरकार के कार्यकाल में हालाँकि घटनाओं को रोकने के लिए कई बड़े सुधार और सख्ती की गई। उन्होंने कहा कि जब से वह जेल मंत्री बने हैं तब से अब तक राज्य की समूह जेलों में घटी विभिन्न घटनाओं के लिए 10 जेल अधिकारियों /कर्मियों को सेवामुक्त किया है और 50 को निलंबित किया है। रंधावा ने मौजूदा कांग्रेस सरकार के दौरान हुए सुधारों के बारे बताते हुए कहा कि अमृतसर, कपूरथला, लुधियाना और बठिंडा में मुख्य दरवाज़े, अति सुरक्षा ज़ोन और तलाशी के लिए केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल की तैनाती, 12 जेलों में उच्च सुरक्षा ज़ोन स्थापित किये गए है। जेलों के इन उच्च सुरक्षा ज़ोनों में दरवाज़े पर मैटल डिटेक्टर, हाथों के द्वारा तलाशी के लिए यंत्र, सामान की स्कैनिंग के लिए एक्स-रे मशीनें, जेलों में मुख्य स्थानों और कंट्रोल रूमज़ में सी.सी.टी.वी. कैमरों की स्थापना, एस.एल.आर. और पिस्तौल जैसे आधुनिक हथियारों की खरीद, जेलों की बाहरी सुरक्षा के लिए क्विक एैक्शन टीम (क्यू.आर.टी.), खोजी कुत्तों की तैनाती, जेल स्टाफ की भर्ती, 735 वार्डन और 84 मैटरन नये लगाए, 10 डिप्टी जेल सुपरीडैंटों की भर्ती और जेल की सुरक्षा के लिए 16 डी.एस.पीज़ की तैनाती आदि अहम काम किये गए है।