गांव थानेवाल में “श्रीमद् भागवत महापुराण” कथा का हुआ समापन
⇒रविवार को झंडारोहण रस्म अदा की गई ।
⇒आश्रम में श्रद्धालुओं का उमड़ा जन सैलाब।
⇒संसारिक भोगों को भूल कर उस परमात्मा के नाम से जुड़े भजनों पर झूम रहे थे श्रद्धालु।
⇒गांव थानेवाल के श्री अद्वैत स्वरूप अनंत आश्रम में इस कथा का किया गया आयोजन।
न्यूज4पंजाब ब्यूरो
गुरदासपुर। गुरदासपुर के गांव थानेवाल में एक सप्ताह से चलने वाली “श्रीमद् भागवत महापुराण” कथा का समापन रविवार को हुआ। बतां दे कि “श्रीमद् भागवत महापुराण कथा” की शुरुआत 25 मार्च को हुई थी। श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन गांव थानेवाल के श्री अद्वैत स्वरूप अनंत आश्रम गुरदासपुर में हुआ। इस भव्य धार्मिक समारोह की अगवाई संत विश्वासपुरी जी महाराज ने की।
इस मौके पर विशेष रूप में संत बेअंत पुरी जी महाराज और संत शिवपुरी जी मुजफ्फरनगर से पहुंचे। “श्रीमद् भागवत कथा” का वाचन करने “श्री श्री 1008 महामंडलेश्वर श्री स्वामी मैत्रेयी गिरी जी महाराज” गांव थाने वाल पहुंचे। रविवार को गांव गांव थानेवाल में श्री अद्वैत स्वरूप अनंत आश्रम में झंडारोहण की रस्म अदा की गई। झंडारोहण के बाद श्रीमद् भागवत महापुराण कथा को आगे ले जाते हुए रविवार की शाम को कथा का समापन कर दिया गया। रविवार को स्वामी मैत्रेयी गिरी जी महाराज ने श्रीमद् भागवत कथा का समापन किया। कथा के बाद संत बेअंत पुरी जी महाराज और संत शिवपुरी जी महाराज ने अपने प्रवचनों से पहुंची हुई संगत को निहाल किया। इस मौके पर संगत द्वारा भी भजन गायन किए गए। समारोह के अंत में संत विश्वास पुरी जी महाराज ने पहुंची हुई संगत और विशेष मेहमानों का धन्यवाद किया और इस समारोह को सफल बनाने वाले संबंधित सेवादारों का भी धन्यवाद किया। इस मौके पर थानेवाल के श्री अद्वैत स्वरूप अनंत आश्रम में भंडारा किया गया, जिसमें में लंगर का आयोजन भी किया गया।
गौरतलब है कि रविवार को समारोह के अंतिम दिन श्रद्धालुओं का पूरा जमावड़ा देखने को मिला। समारोह स्थल पर भक्तों की इतनी भीड़ थी कि पांव रखने के लिए भी जगह नही थी। भक्ति रस में डूबी संगत का आलम यह था कि हर कोई संसारिक भोगों को भूल कर उस परमात्मा के नाम से जुड़े भजनों पर झूम रहा था।