पत्नी और मां ने नम आंखों से शहीद हरकृष्ण सिंह के पार्थिव शरीर को दिया कंधा,पिता ने चिता को दी मुखाग्नि

•गांव तलवंडी भरथ में गर्व के आंसुओं के साथ तिरंगे में लौटे हरकृष्ण का सैन्य सम्मान से हुआ अंतिम संस्कार

•हजारों लोगों ने नम आंखों से दी क्षेत्र के लाडले को अंतिम विदाई

विक्की कुमार

बटाला। बटाला के गांव तलवंडी भरथ में शहीद सैनिक हरकृष्ण सिंह का गांव के श्मशान घाट में शनिवार को दाह संस्कार कर दिया गया। इससे पूर्व शुक्रवार की रात को करीब 12 बजे शहीद हरकृष्ण सिंह का पार्थिव शरीर राष्टीय ध्वज से लिपटे हुए एक ताबूत में पैतृक गांव पहुंचा। शनिवार को गांव तलवंडी भरथ में पूरे सैन्य और सरकारी सम्मान के साथ शहीद की पार्थिव देह का अंतिम दाह संस्कार कर दिया गया। शनिवार जब शहीद के पार्थिव शरीर को संस्कार के लिए ले जाने लगे तो पूरे परिवार में कोलाहल मच गया। पूरे परिवार की आंखों में आंसुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। वहां पर कोई आंख ऐसी ना थी जो बिना आंसुओं के हो। शहीद की शव यात्रा में गांव के सैकंडों लोग शामिल हुए। इसी दौरान शहीद की मां प्यार कौर और पत्नी दलजीत कौर ने शहीद के पार्थिव शरीर को कंधा दिया। शहीद के पार्थिव शरीर को पिता मंगल सिंह ने मुखाग्नि दी। श्मशानघाट में पिता,माता,पत्नी ने शहीद को सैल्युट कर अपनी श्रद्धांजलि दी। दाह संस्कार के वक्त श्मशानघाट में सैन्य टुकडी ने अपनी राइफलों से हवाई फायर करके शहीद को आखिरी सलामी दी। इस मौके पर शहीद को डीसी गुरदासपुर डॉ. हिमांशु अग्रवाल,बटाला के विधायक अमनशेर सिंह शैरी कलसी,एसएसपी बटाला,एसडीएम बटाला आदि प्रशासनिक आधिकारियों ने सैल्युट कर श्रद्धांजलि प्रस्तुत की।

 मुख्यमंत्री पंजाब ने फोन पर शहीद के पिता को सांत्वना दी, जल्द ही गांव आकर परिवार से मिलने का वादा भी किया

बटाला के गांव तलवंडी भरथ में शनिवार को शहीद हरकृष्ण सिंह के दाह संस्कार से कुछ समय पहले पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने शहीद के पिता मंगल सिंह से मोबाइल पर बात की और उनसे सांत्वना व्यक्त की। मुख्यमंत्री ने उन्हें किसी दिन गांव तलवंडी भरथ में आने का भरोसा भी किया। मोबाइल पर परिवारिक सदस्यों की मांगों को स्वीकार करते हुए सीएम मान ने गांव के सरकारी स्कूल का नाम शहीद के नाम पर ,गांव में शहीद के नाम पर स्टेडियम बनाने का और आर्थिक सहायता देने का आश्वासन भी दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि वह शहीद की इस शहादत का मुल्य नही मोड़ सकते।

 हरकृष्ण सिंह बचपन में अपने पिता की वर्दी पहनता था और कहता था कि वह भी एक दिन सैनिक बनेगा।

देश की सेवा करने का जजबा हरकृष्ण सिंह को बचपन से ही था। इस बात की जानकारी देते हुए हरकृष्ण सिंह के पिता मंगल सिंह ने बताया कि जब हरकृष्ण सिंह छोटा था तो वह उनकी वर्दी पहन कर कहता था कि वह भी एक दिन उन्हीं की तरह फौजी बनेगा और देश की सेवा करेगा। वह अपने बेटे को कहते थे कि वह उनकी वर्दी ना डाला करे,बड़ा होकर अपनी वर्दी प्राप्त करे। आज उन्हें इस बात पर गर्व है कि उनका बेटा आतंकियो से लोहा तेले वक्त शहीद हो गया।

गांव तलवंडी भरथ में सेना की टुकड़ी हवाई फायर करके शहीद हरकृष्ण सिंह को सलामी देते हुए।

पत्नी बोली- बेटी को आई.पी.एस बना करूंगी पति का सपना साकार

वहीं गर्भवती पत्नी दलजीत कौर ने बताया कि उस पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। यह उसके जीवन का वह घाटा जो कभी भी पूरा नही हो सकता लेकिन इस बात का उसको गर्व है कि उसके पति ने देश की सेवा करते हुए अपने जीवन का बलिदान दिया है। शहीद की पत्नी ने बताया कि उसके पति शहीद हरकृष्ण सिंह का सपना था कि उनकी बेटी आईपीएस अधिकारी बने, पत्नी दलजीत कौर ने बताया कि वह अपने पति के इस सपने को पूरा करने के लिए पूरा जोर लगा देगी।

शहीद की मां प्यार कौर शहीद हरकृष्ण सिंह के पार्थिव शरीर को कंधा देते हुए

आतंक के पोशक पाकिस्तान को एक और सर्जिकल स्ट्राइक की जरूरत: कुंवर विक्की

इस पर अवसर शहीद सैनिक परिवार सुरक्षा परिषद के महासचिव कुंवर रविंदर सिंह विक्की ने कहा कि पुंछ में सैन्य वाहन पर हुआ आतंकी हमला पाकिस्तान की शह पर हुआ है, उसने वर्षों से कश्मीर में जो मिनी युद्ध छेड़ा हुआ है उसमें आए दिन हमारे सैनिक अपने बलिदान दे रहे हैं इसलिए केंद्र सरकार को चाहिए कि अपने पांच जवानों के बलिदान का बदला पाकिस्तान पर एक और सर्जिकल स्ट्राइक कर ले ताकि भविष्य में कोई भी सैनिक शहादत का जाम न पी सके। उन्होंने शहीद परिवार को फोन कर ढांढस बंधाने और परिवार से भेंट कर हर मांग पूरी करने का भरोसा देने के लिए मुख्यमंत्री भगवंत मान का आभार व्यक्त किया। 

शहीद हरकृष्ण सिंह के पार्थिव शरीर को आखरी सलाम करती हुई शहीद की पत्नी दलजीत कौर

शहीद के अंतिम दर्शन न कर सका परिवार

इस अवसर पर बलिदानी हरकृष्ण का परिवार उनकी पार्थिव देह लेकर आए सैनिकों से उसके अंतिम दर्शन करने की गुहार लगाता रहा लेकिन उनकी यूनिट के अधिकारी ने यह कह कर मना कर दिया कि हरकृष्ण का पार्थिव शरीर देखने की स्थिति में नहीं है इससे उन्हें और भी कष्ट होगा। उन्होंने कहा सारी यूनिट के जवान उनके बेटे समान हैं तथा इस दुख की घड़ी में भारतीय सेना उनके साथ खड़ी है।

 

Live Share Market

जवाब जरूर दे 

आप अपने सहर के वर्तमान बिधायक के कार्यों से कितना संतुष्ट है ?

View Results

Loading ... Loading ...

Related Articles

Back to top button
.
Website Design By Mytesta.com +91 8809666000
.
error: Content is protected !!
Close