पिता का सपना पूरा करने 13 साल की आयु में ही क्रिकेट के गुर सीखने अकादमी पहुंच गए थे- युवा क्रिकेटर अर्शदीप सिंह
कहा- उनका सपना था कि वह अपने देश का प्रतिनिधिता करें और भगवान ने उन्हें यह मौका देकर उनका सपना सच किया
⇒भारत की टी-20 श्रंखला के लिए भारतीय क्रिकेट टीम में चयनित होने के बाद युवा क्रिकेटर अर्शदीप का बटाला पहुंचने पर हुआ स्वागत
विक्की कुमार
बटाला,29 मई। भारत की टी-20 श्रंखला के लिए भारतीय क्रिकेट टीम में चयनित होने के बाद युवा क्रिकेटर अर्शदीप सिंह रविवार को बटाला के दशमेश नगर अपने पैतृक परिवार को मिलने पहुंचे । बटाला पहुंचने पर अर्शदीप सिंह के गले में हार डालकर स्वागत किया गया। अर्शदीप सिंह के पिता दर्शन सिंह और माता बलजीत कौर भी साथ ही थे। इस मौके पर अर्शदीप सिंह ने बताया कि किसी भी क्रिकेटर के लिए यह सपना होता है कि वह अपने देश का प्रतिनिधिता करे और भगवान ने उन्हें यह मौका देकर उनका सपना सच किया है। पहले वह गली में खेलते थे। उनकी क्रिकेट के प्रति को देखकर उनके माता-पिता ने उन्हें 13 साल की आयु में एक क्रिकेट अकादमी में भेजा जहां उसने क्रिकेट के गुर सीखे। उनकी गेम में उनके परिवार ने काफी उत्साहित किया और उनकी गेम का समर्थन भी किया। आज वह बटाला आए है तो उन्हें अपना बचपन याद आ गया है।
इस मौके अर्शदीप सिंह के पिता दर्शन सिंह ने बताया कि वह अर्शदीप सिंह पर गर्व महसूस करते हैं जिसने अपने जीवन के उदे्शय को हासल किया है। दर्शन सिंह ने आगे बताया कि वह भी जिला गुरदासपुर की तरफ से खेलते थे। उनका क्रिकेट के प्रति बहुत लगाव था। किसी कारण वह उस मुकाम पर नही जा सके जहां वह पहुंचना चाहते थे लेकिन उनके मन में था जो सपना उनका अधूरा रह गया था,वह सपना उनका बेटा साकार करे। जब उन्होंने अर्शदीप में टेलेंट देखा तो उन्होंने अर्शदीप को 13 की आयु में जीएनपीएस अकादमी में भेजा। वहां पर अर्शदीप की खेल में ओर निखारा आया। इसके बाद अर्शदीप आगे-आगे निकलता गया। वहीं पैतृक परिवार के सदस्यों का कहना था कि आज उन्हें बहुत अच्छा लगा है कि उनका बेटा इतना बड़ा मुकाम हासिल करके बटाला उनसे मिलने पहुंचा है।