बटाला में नम आंखों से किया शहीद सुखराज की शहादत को नमन
•बटाला में सेना के हवलदार सुखराज सिंह का पांचवां श्रद्धांजलि समारोह आयोजित
•बेटे सरगुण देव सिंह ने अपने पिता की तस्वीर पर हार डाल कर किया सैल्यूट
न्यूज4पंजाब ब्यूरो
बटाला,29 नवंबर। जम्मू कश्मीर के नगरोटा सैक्टर में आतंकियों से लड़ते हुए शहादत का जाम पीने वाले सेना की 166 मीडियम रेजीमेंट के हवलदार सुखराज सिंह का पांचवां श्रद्धांजलि समारोह सोमवार को सिटी एविन्यू डेरा बाबा नानक रोड़ बटाला में आयोजित किया गया। इस समारोह की अध्यक्षता शहीद सैनिक परिवार सुरक्षा परिषद के महासचिव कुंवर रविंदर सिंह विक्की ने की। इस समारोह में रक्षा सेवायें भलाई विभाग के डिप्टी डायरेक्टर कर्नल पी.एस बाजवा विशेष तौर पर उपस्थित हुए। सोमवार को श्री अखंड पाठ साहिब का भोग डालते हुए रागी जत्थे द्वारा बैरागमयी कीर्तन कर शहीद को नमन किया गया। इस मौके पर शहीद सुखराज सिंह की माता स्वर्णजीत कौर, पत्नी हरमीत कौर, भाई धनराज सिंह,बेटी शुभरीत कौर, बेटा सरगुण देव सिंह, ससुर कुलदीप सिंह, सास मनदीप कौर आदि ने शामिल होकर शहीद को सुखराज सिंह को श्रद्धासुमन अर्पित किए। इस अवसर पर मुख्यातिथि द्वारा शहीद सुखराज सिंह के परिजनों सहित 5 अन्य शहीद परिवारों को स्मृति चिन्ह व शॉल भेंट कर सम्मानित किया गया।
श्रद्धांजलि समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यातिथि डिप्टी डायरेक्टर कर्नल पी.एस बाजवा ने कहा कि शहीद राष्ट्र, का सिरमौर होते हैं, जो अपना बलिदान देकर देश की भावी पीढ़ी में राष्ट्र पर मर मिटने का जज्बा पैदा करके यह संदेश दे जाते हैं कि एक सैनिक के लिए राष्ट्र सर्वोपरि होता है। उन्होंने कहा कि जो देश व समाज अपने शहीदों की शौर्यगाथा को स्मरण नहीं रखते, उनका अस्तित्व मिट जाता है। कर्नल बाजवा ने कहा कि शहीद सैनिक परिवार सुरक्षा परिषद ने शहीदों के सम्मान में इस तरह के कार्यक्रम आयोजित करने का जो सिलसिला शुरू किया है, उससे शहीद परिवारों का मनोबल ऊंचा हुआ है। उन्होंने कहा कि परिषद के महासचिव कुंवर रविंदर सिंह जिन्होंने अपना पूरा जीवन शहीद परिवारों के अधिकारों की लड़ाई लड़ते हुए लगा दिया है ,उनके इस जज्बे को वह दिल से सलाम करते हैं।
-सरहद पर सैनिक जागता है, तभी देश सोता है : कुंवर विक्की।
इस मौके पर शहीद सैनिक परिवार सुरक्षा परिषद के महासचिव कुंवर रविन्द्र विक्की ने कहा कि हमारे देश का वीर सैनिक कठिन परिस्थतियों में अपनी डयूटी निभाता है, मगर किसी से शिकायत नहीं करता। उन्होंने कहा सरहद पर सैनिक जागता है तभी देश चैन से सोता है। उन्होंने कहा कि जिस दिन एक सैनिक की तिरंगे में लिपटी पार्थिव देह घर पहुंचती है उस दिन व उसकी अन्तिम अरदास वाले दिन लोगों व सरकार के प्रतिनिधियों की भीड़ जुटती है उसके बाद परिवार अकेला रह जाता है उसे कोई नहीं पूछता सिर्फ उनकी परिषद उस शहीद परिवार के साथ हर सुख दुख में चट्टान के तरह उनके साथ खड़ी रहकर उनके हौंसले को हमेशा बुलंद रखती है। इस अवसर पर कुंवर विक्की और शहीद सुखराज की यूनिट के हवलदार हरजीत सिंह ने कहा कि हवलदार सुखराज सिंह उनकी यूनिट के गौरव थे। उसकी शहादत के 5 बर्षों बाद भी यूनिट में उसका नाम सुनहरी अक्षरों में दर्ज है, तथा उसके बलिदान से हमारे जवान हमेशा प्रेरणा लेते रहेंगे।