आतंक को शह देना बंद करे पाक अन्यथा भारतीय सेना विश्व के नक्शे से मिटा देगी उसका नाम-कुंवर विक्की
⇒बुधवार को होगा शहीद नायक मनदीप सिंह का सैन्य सम्मान से अंतिम संस्कार, शामिल होंगे मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी
न्यूज4पंजाब ब्यूरो
बटाला,12अक्तूबर- जम्मू कश्मीर के पूंछ सैक्टर के सुरनकोट में आतंकियों से लड़ते हुए अपने चार साथियों सहित सर्च आप्रेशन में हिस्सा लेते हुए शहादत का जाम पीने वाले सेना की 16 राष्ट्रीय राईफल्स (11 सिख) गांव चट्ठा के नायक मंदीप सिंह के परिजनों से मंगलवार को संवेदना व्यक्त करते हुए शहीद सैनिक परिवार सुरक्षा परिषद के महासचिव कुंवर रविंदर सिंह विक्की ने बताया कि इस दुख की घड़ी में उनकी परिषद परिवार के साथ चट्ठान की तरह खड़ी है और वो शहीद मंदीप के परिवार को टूटने नहीं देंगे। बल्कि उनका मनोबल बढ़ाते हुए उन्हें फिर से उनके पैरों पर खड़ा करेंगे।
उन्होंने कहा कि आतंक की नर्सरी पाकिस्तान ने कश्मीर में जो मिन्नी युद्ध छोड़ा हुआ है। जिससे आए दिन हमारे वीर जवान शहादतें दे रहे हैं। उन्होंने पाकिस्तान को चेतावनी देते कहा कि अगर उसने आतंक को शह देना बंद न किया तो भारतीय सेना एक दिन उसका नाम विश्व के नक्शे से मिटा देगी। उन्होंने बताया कि शहीद नायक मंदीप सिंह का पार्थिव शरीर बुधवार को उनके पैतृक गांव में पहुंचेगा। जहां सुबह दस बजे पूरे सैन्य सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। उन्होने बताया कि पंजाब के शहीद हुए तीन जवानों के पार्थिव शरीर रजौरी से देर शाम जम्मू पहुंचेंगे, जहां सुबह पांच बजे तिरंगे में लिप्टी हुई उनकी पार्थिक देहों को उनके पैतृक गांवों तक सेना के जवान लेकर जाएंगे। इस मौके पर शहीद लैफ्टीनेंट नवदीप सिंह अशोक चक्र के पिता कैप्टन जोगिंदर सिंह, जिला रक्षा सेवाएं भलाई विभाग के फील्ड अफसर मेजर सिंह भी उपस्थित थे।
⇒जन्म दिन से तीन पहले तिरंगे में लिप्टकर लौटेगा मनदीप
शहीद मंदीप सिंह की मां मंजीत कौर ने नम आंखों से बताया कि मंदीप जिसका जन्म दिन 16 अक्तूबर को था, मगर जन्म दिन तीन दिन पहले बुधवार को वह तिरंगे में लिप्टा हुआ आ रहा है। इस जन्मदिन पर मेरे बेटे ने मुझे जो शहादत रूपी तोहफा दिया है, उस दुख को मैं जीवन भर भुला नहीं पाऊंगी। उसके जाने से तो मेरी दुनिया उजड़ गई है।
⇒40 दिन में ही बेटे के सिर से उठा पिता का छायाः-
शहीद मंदीप सिंह जो अपने बेटे के जन्म पर एक महीने की छुट्टी काटकर 24 सितंबर को वापस यूनिट लौटा था तथा 10 अक्टूबर शाम को वीडियो काल कर पत्नी मंदीप कौर से बेटे का हाल जानते हुए कहा था कि अपनी सेहत का ध्यान रखना, मैं शीघ्र दोबारा छुट्टी आऊंगा। लेकिन पत्नी मंदीप कौर ने बताया कि मुझे क्या पता था कि उनका ये आखिरी फोन था। जिस बेटे के लिए वह दोबारा जल्दी छुट्टी आने की बात कर रहे थे, मात्र 40 दिन में ही उसके सिर से पिता का छाया उठ जाएगा, जो उसने सपने में भी नहीं सोचा था।
⇒शहीद को श्रद्धांजलि देने पहुंचेंगे पंजाब के मुख्यमंत्रीः-
वहीं शहीद मंदीप सिंह के अंतिम संस्कार के मौके पर बुधवार को श्रद्धांजलि देने के लिए मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी भी शहीद के पैतृक गांव पहुंच रहे हैं। जिनके लिए गांव में एक हैलीपैड भी बना दिया गया है और प्रशासन की ओर से तैयारियां मुकम्मल कर ली गई हैं। जबकि इसको लेकर अधिकारियों से बैठक भी हो चुकी है।