पूर्व मंत्री जत्थेदार सेवा सिंह सेखवां का गांव सेखवां में सरकारी सम्मान से किया अंतिम संस्कार
•बेटे जगरूप सिंह सेखवां ने मुखमुखाग्नि दी, गांव सेखवां में शोक की लहर
न्यूज4पंजाब ब्यूरो
बटाला,7अक्तूबर (विक्की कुमार) –पंजाब के पूर्व मंत्री और पंजाब की राजनीति में अपनी अलग पैठ रखने वाले जत्थेदार सेवा सिंह सेखवां का वीरवार को उनके पैतृक गांव सेखवां में पूरे सरकारी सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया। सेखवां लंबे समय से बीमार चल रहे थे और बुधवार की रात को चंडीगढ़ के एक निजी अस्पताल में उन्होंने आखिरी सांसे ली। सेवा सिंह सेखवां की मौत के बाद पूरा सेखवां गांव शौक में डूब गया। वहीं पूरे सरकारी सम्मानों के साथ पंजाब पुलिस की टुकड़ी ने सलामी देते हुए अपनी राइफलों को उपर उठाकर हवाई फायर किए। सेखवां के पार्थिव शरीर को मुख्आग्नि उनके बेटे जगरूप सिंह सेखवां ने दी।
इस मौके पर आम आदमी पारटी के वरिष्ट नेता भी पहुंचे। वहीं इस मौके पर जिला गुरदासपुर के डीसी जनाब मोहम्मद इश्फाक, अकाली नेता रविकरण सिंह काहलों, भाजपा नेता मास्टर मोहन लाल और भूपिंदर सिंह मान भी पहुंचे और दुख व्यक्त किया।
इस मौके पर गांव वालों का कहना था कि जत्थेदार सेवा सिंह सेखवां के कारण ही पूरे भारत में धार्मिक,राजनीतिक और समाजिक क्षेत्र उनके गांव का नाम प्रसिद्ध हुआ है। गांव वालों का कहना था कि सेवा सिंह सेखवां केवल राजनीतिक क्षेत्र में ही सक्रिय नही थे बल्कि धार्मिक क्षेत्र में भी अपना पूर्ण ज्ञान रखते थे। इस मौके पर स्वर्गीय सेवा सिंह सेखवां के बेटे जगरूप सिंह सेखवां ने कहा कि उनके पिता सेवा सिंह सेखवां ने अपने अंतिम समय में उन्हें कहा था कि उन्होंने उनको (जगरूप सेखवां को) अरविंद केजरीवाल की ऊंगली थमा दी है।
केजरीवाल बहुत इमानदार व्यक्ति है,सदा उनका साथ देना। पारटी के साथ-साथ पंथक कार्यो में भी हिस्सा लेना है। अपनी पारिवारिक विरासत को संभाल कर रखना। जगरूप सिंह सेखवां ने बताया कि बुधवार को जब उनके पिता सेवा सिंह सेखवां की मौत हुई तो प्रकाश सिंह बादल का उन्हें फोन आया था और प्रकाश सिंह बादल ने दुख व्यक्त करते हुए उन्हें सांत्वना दी थी। इसके अलावा अन्य राजनीतिक दलों के वरिष्ठ नेताओं ने भी उनके पिता की मौत पर उनसे दुख व्यक्त किया है।
जत्थेदार सेवा सिंह सेखवां का शिक्षक से दिग्गज राजनेता बनने का सफर।
जत्थेदार सेवा सिंह सेखवां सिंह को राजनीति विरासत में ही मिली थी। सेवा सिंह सेखवां के पिता उजागर सिंह सेखवां पुराने टकसाली नेता थे और उजागर सिंह सेखवां भी दो बार विधायक बनें थे।अपने पिता उजागर सिंह सेखवां की मौत के बाद शिक्षक रह चुके सेवा सिंह सेखवां ने अपने पिता की राजनीतिक विरासत को संभालते हुए सेवा सिंह सेखवां राजनीति के मैदान में 1990 में उतरे। उस समय पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल सेवा सिंह सेखवां को राजनीति में लेकर आए थे। सेवा सिंह पहली बार 1997 में शिरोमणि अकाली दल से हलका काहनूवान से चुनाव लड़ कर विधायक बने थे। सेवा सिंह सेखवां बादल सरकार के समय शिक्षा मंत्री, लोक संपर्क और मॉल विभाग के मंत्री भी रहे। इसके अलावा शिरोमणि गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी के सदस्य भी रहे। 2017 में बादल सरकार की हार के बाद सेवा सिंह सेखवां शिअद के उन नेताओं में शामिल हो गए जो उस समय सुखबीर बादल के कामकाज की शैली पर सवाल उठा रहे थे। इसके बाद पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोपों के तहत शिरोमणि अकाली दल ने सेखवां को पार्टी से निष्कासित कर दिया। इसके बाद सेखवां ने रतन सिंह अजनाला और रंजीत सिंह ब्रहमपुरा के साथ मिलकर शिरोमणि अकाली दल टकसाली का गठन किया। इसके बाद अकाली दल संयुक्त से जुड़ने के बाद अकाली दल संयुक्त को भी छोड दिया । आखिर में सेवा सिंह सेखवां अपने बेटे जगरूप सिंह सेखवां के साथ 26 अगस्त 2021 को आम आदमी पारटी में शामिल हो गए। आप में शामिल करने के लिए गांव सेखवां में बकायदा तौर पर आम आदमी पारटी के सुप्रीमों और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल खुद पहुंचे थे और सेवा सिंह सेखवां को पार्टी में शामिल किया था।