बाबा की धरती डेरा बाबा नानक में 8 से 11 नवंबर तक होगा डेरा बाबा नानक उत्सव।
न्यूज4पंजाब ब्यूरो।
डेरा बाबा नानक (बटाला)। पहली पातशाही श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व मौके पाकिस्तान स्थित करतारपुर साहिब के दर्शनों के लिए खुल रहे करतारपुर लांघे के कारण नानक नाम लेवा संगत बड़ी गिनती में डेरा बाबा ननाक पहुंचनी शुरु हो गई है। वैसे भी डेरा बाबा नानक को करतारपुर की दर्शनी ड्यूढ़ी कहा जाता है। पंजाब सरकार द्वारा 550वें प्रकाश पर्व मौके करवाए जा रहे समागमों की लड़ी में 8 से 11 नवंबर तक डेरा बाबा नानक उत्सव करवाया जा रहा है। धार्मिक समागमों, साहित्य और कला के सुमेल वाले इस उत्सव का उद्देश्य यहां आने वाले श्रद्धालुओं को बाबा नानक जी के जीवन और उनकी शिक्षाओं से अवगत करवाया जाएगा। इस उत्सव से पहले प्री फैस्टीवल भी करवाया जा रहा है, जिसमें ऑनलाइन युवा उत्सव भी शामिल है। श्री गुरु नानक देव जी ने अपनी उदासियों के दौरान विभिन्न सूफी संत भगतों के अस्थानों पर पहुंच कर 15 भगतों की बाणी एकत्रित की, जो श्री गुरु ग्रंथ साहिब में दर्ज है। विभिन्न राज्यों में स्थित इन भगतों के स्थानों पर शब्द-संगीत प्रोग्राम किए जाएंगे। इन प्रोग्रामों में संबंधित भगत की बाणी के स्थानिय और गुरमति परम्परा में गायन के अलावा विचार-गोष्ठी होगी, जिसमें विभिन्न संस्थाओं/युनिवर्सिटियों में संबंधित भगत पर काम कर रहे खोजी/माहिर/अध्यापक अपने विचार पेश करेंगे। हाथ से लिखी पुस्तकें, संगीत और अन्य संबंधित सामाग्री की प्रदर्शनी का भी प्रबंध किया जाएगा। इस प्रोग्राम के जरीए गुरु नानक देव जी के द्वारा शुरु की भारत की विभिन्न ज्ञान परम्पराओं के बीच संवाद की परम्परा को दोबारा से सुरजीत किया जाएगा। इस उपरान्त संगीत टोलियों, विद्वान, खोजी, कवि चित्रकार, साहित्यकार, संगीतकार, स्टूडेंट्स और भारत की विभिन्न परम्पराओं में काम करने वाले माहिर प्रदर्शनी सामाग्री समेत शब्द संगीत और ज्ञान के इस महांकुंभ में शामिल होने के लिए संवाद यात्रा के रुप में डेरा बाबा नानक के लिए रवाना होंगे। उत्स्व मौके डेरा बाबा नानक को विरासती दिख दी जा रही है। सहकारिता मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा की अगुवाई में इन समागमों के कोआर्डीनेटर अमरजीत सिंह ग्रेवाल हैं।
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लांघे से 21 बाणीकारों (15 भक्तों और 6 गुरुओं) के योगदान को दर्शाते 21 खूबसूरत शिलालेखों की स्थापना की जाएगी। इस शिलालेख के उपर संबंधित भगत जी की बाणी में कोई एक शब्द और उनके जीवन व योगदान के बारे में जानकारी के अलावा नामवर चित्रकार द्वारा किया स्कैच भी बनाया जाएगा। शिलालेख के सामने वाले पत्थर पर गुरमुखी लिपी होगी, जबकि बाकी तरफ देवनागरी लिपी और अंग्रेजी अनुवाद होगा।
गुरुबाणी गायन/कीर्तन दरबार-
मुख्य पंडाल में होने वाले प्रोग्रामों में आसा दी वार, कथा/गुरमति विचार, कीर्तन दरबार, ढाडी दरबार और कविश्री प्रमुख होंगे। 9 नवंबर का दिन राग दरबार के लिए रखा गया है, जिसमें बहुत ही प्रसिद्ध रागी जत्थे गुरु नानक बाणी का 19 निर्धारित रागों में कीर्तन करेंगे।