डेनमार्क की रहने वाली कैटलीन पति का नशा छुडाने वालों का धन्यवाद करने फतेहगढ़ चूडियां पहुंची। कहा- हमेशा गुरदासपुर की रेड क्रास सोसाइटी के नशा छुडाओं केंद्र और फतेहगढ़ चूडियां पुलिस की अभारी रहूंगी।
न्यूज 4 पंजाब ब्यूरो।
बटाला। फतेहगढ़ चूडियां की रहने वाले मलकीत सिंह 30 हाल ही में नशे की दलदल से बाहर निकला है और उसको इस दलदल से निकालने का श्रेष् उसकी पत्नी डेनमार्क की रहने वाली कोपनहैगन कैटलीन को जाता है। कैटलीन बुधवार को थाना फतेहगढ़ चूढ़ियां के एसएचओ अमोलक सिंह का धन्यवाद करने थाना फतेहगढ़ चूढियां पहुंची। कैटलीन का कहना है कि एसएचओ ने उसके पति मलकीत को नशे की दलदल से बाहर निकलने के लिए काफी प्रेरित किया था।
विदेशी कटलीन ने बताया कि उसके पिता का विदेश में खुद का कार गैरेज और कॉफी शॉप है। 1 जनवरी 2019 को उसकी सोशल साइट के जरीए बटाला के एक गांव के रहने वाले नौजवान मलकीत सिंह के साथ मुलाकात हुई थी। यह मुलाकात प्यार में तबदील हो गई। चैटिंग के दौरान मलकीत ने उसे बता दिया कि वह नशे का आदि है और चिट्टे का सेवन करता है। कटलीन इस सच से प्रभावित हुई और दोनों में कुछ दिन इसी मुद्दे को लेकर चैटिंग करती रही। कटलीन ने बताया कि कुछ दिन बाद उसे मलकीत ने भारत बुला लिया। उसके भारत आने के बाद दोनों ने 21 जुलाई को शादी कर ली। कटलीन ने बताया कि उसने सबसे पहले मलकीत की जिंदगी में से नशा के कोहड़ को दूर करने का निश्चय किया। इसके बाद कटलीन उसे सेरबिया इलाज के लिए ले गई, लेकिन वहां पर उन्होंने देखा कि इलाज का ढंग तरीका सही नहीं है। नशा न मिलने के कारण मलकीत की हालत ठीक नहीं रहती थी, जिस कारण वह वापस भारत आ पहुंचे। मलकीत दोबारा नशा करने लगा। कटलीन खुद ही उसकी देखभाल करने लगी। यहां पर एसएचओ अमोलकदीप सिंह ने मलकीत को नशा छौड़ने के लिए प्रेरित किया, जिसके बाद उसे गुरदासपुर के रेड क्रॉस सोसायटी में नशा छुड़ाने के लिए दाखिल करवाया गया।
कैटलीन ने आगे कहा वह बहुत खुश है कि उसका पति आज इस नशे की आदत से बाहर आ गया है। वह पाक साफ हो गया है। वह गुरदासपुर के रेड क्रास सोसाइटी के नशा छ़ुडाओं केंद्र और स्थानीय पुलिस का आभार व्यक्त करती है। कैटलीन ने कहा कि वह उन लोगों को जो ड्रग की दलदल में फंसे है उनको यह संदेश देना चाहती है ड्रग में फंसे लोग यह न सोचे कि उनकी जिंदगी नशा करने के लिए हैं वह नशा छुडाओं केंद्रो में जांए और इस दलदल से निकले। अगर वह इस इससे बचना चाहते है तो वह नशा छुडाओं केंद्रो में जांए वहां इलाज के दौरान कुछेक महीनों में वह लोग अच्छी जिंदगी जीने लगेगे। कैटलीन ने आगे कहा कि उसने इंडियां में देखा है कि बहुत सारे लोग ड्रग की वजह से अपनी शादियां तोड देते हैं जो गलत है। उन्होंने कहा कि ड्रग पंजाब और घरेलू परिवारों का दुश्मन है। हमे कभी अपने पतियों और दोस्तों को जो नशे में फंसे है उनको नशे की वजह नही छोडना चाहिए बल्कि उनको नशे की दलदल से बाहर निकालने में मदद करनी चाहिए।
वहीं पति मलकीत सिंह ने बताया कि 2013 में नशे का आदि हो गया था। पहले वह दिल्ली की कंपनी में बिजनस करता था। ड्रिंक करने लगा। शराब से दूर रहने के लिए वह नींद की गोलियां खाने लगा। पेरेंट्स को पता लग गया। बुरी संगत में पड़ कर चिट्टे का आदि हो गया था। एसएचओ ने प्रेरित किया। प्रेमिका बनी पत्नी को बताया, वह विदेश से आई। उसने 2 महीने बाद आना था। रेड क्रॉस सोसायटी में दाखिल करवाया। आज वह नशा छोड़ चुका है। अब वह पति-पत्नी एक अच्छी जिंदगी की शुरूआत करेंगे।