पाकिस्तानी इंजीनियरों के एक शिष्टमंडल ने पुल निर्माण के लिए भारतीय अधिकारियों संग मिलकर लिया सर्वे डाटा
⇒दोनों देशों के शिष्ट मंडलों में एक घंटा मीटिंग चली, पाकिस्तान की तरफ से चार इंजीनियरों की टीम भारत पहुंची।
⇒पाकिस्तान ने लगभग यह 260 मीटर लंबा ब्रिज बनाना है।
⇒भारत और पाकिस्तानी अधिकारियों की मीटिंग करतारपुर कॉरिडोर पर बने भारत द्वारा बनाए गए ब्रिज पर हुई।
विनोद सोनी की विशेष रिपोर्ट।
डेरा बाबा नानक,27 अगस्त। करतारपुर कॉरिडोर स्थित करतारपुर साहिब गुरुद्वारा के दर्शनों के लिए पाकिस्तान द्वारा किए जाने वाले ब्रिज के निर्माण को लेकर वीरवार को पाकिस्तानी इंजीनियरों का एक शिष्टमंडल जीरों लाइन पर पहुंचा। वीरवार को भारत और पाकिस्तान के बीच मीटिंग भारत द्वारा बनाए गए ब्रिज पर हुई। इस मौके पर पाकिस्तानी इंजीनियरों की टीम ने बनाए जाने वाले ब्रिज का एक सर्वे किया। दोनों पक्षों के बीच 1 घंटे तक मीटिंग चली। पाकिस्तान की तरफ से चार इंजीनियर थे और भारत की तरफ से दो एनएचआई के अधिकारियों समेत बीएसएफ के ऑला अधिकारी मीटिंग में मौजूद रहे।
दोनों देशों के अधिकारियों के बीच हुई मीटिंग के बारे में जानकारी देते हुए सीगल कंस्ट्रक्शन कंपनी के वाइस प्रेसिडेंट जितेंद्र सिंह ने बताया कि पाकिस्तान की तरफ से ब्रिज निर्माण को लेकर इससे पहले हुई मीटिंगों में पाकिस्तान की तरफ से यह आश्वासन दिया जाता रहा है कि वह पुल का निर्माण करेंगे लेकिन इस बार इस मीटिंग में आश्वासन नहीं बल्कि पाकिस्तानी इंजीनियरों ने पुल निर्माण के लिए सर्वे डाटा का निरीक्षण किया है ,जिससे लगता है कि इस बार पाकिस्तान पुल के निर्माण को लेकर पूरी तरह से संजीदा है। उन्होंने आगे बताया कि अगर सब कुछ तय समय सीमा के अंदर होता है तो पाकिस्तान की तरफ से यह पुल 1 साल में बनने की संभावना है।उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की तरफ से यह पुल बनाना बहुत जरूरी है ,नहीं तो रावी दरिया का पानी काफी नुकसान कर सकता है। उन्होंने बताया कि ब्रिज की लंबाई 260 मीटर है जिसे पाकिस्तान इंजीनियरों ने बनाना है। जितेंद्र सिंह ने आगे बताया कि पाकिस्तानी इंजीनियरों ने उन्हें बताया है कि अभी पुल प्रीलिमिनरी डिजाइनिंग स्टेज पर है। वह डाटा लेकर जाएंगे और उसके बाद डिजाइनिंग करने के बाद वह ब्रिज का निर्माण शुरू कर देंगे।