पंजाब सरकार ने कोविड के इलाज के लिए निजी अस्पतालों के लिए उपचार दरें निर्धारित कीं
न्यूज4पंजाब ब्यूरो ।
चंडीगढ़, 16 जुलाई। कोरोना महामारी के चलते निजी अस्पतालों द्वारा मुनाफ़ाख़ोरी किए जाने पर रोक लगाने के लिए कैप्टन अमरिन्दर सिंह के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने कोविड के इलाज के लिए खर्चे की हद निर्धारित कर दी है। इस फ़ैसले का ऐलान पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह द्वारा गुरूवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के द्वारा कोविड सम्बन्धी स्थिति की समीक्षा करने के बाद में किया गया।
उपचार सबंधी यह दरें डॉक्टर के.के. तलवार कमेटी द्वारा निजी अस्पतालों और मैडीकल कॉलेजों सम्बन्धी निर्धारित की गई हैं और इनके अंतर्गत आईसोलेशन बैड्ज़, आई.सी.यू. में इलाज, अस्पताल में दाखि़ल होने के खर्च और दाखि़ल होने के बाद प्रतिदिन के खर्चे शामिल हैं।
साधारण बुख़ार जिसमें आईसोलेशन बैड्ज़ की ज़रूरत पड़ती हो और जिसमें देख-रेख और ऑक्सीजन भी शामिल हो, के लिए दाखि़ल होने के बाद प्रतिदिन के खर्चे सभी निजी मैडीकल कॉलेजों / एन.बी.ई. के टीचिंग प्रोग्राम वाले एन.ए.बी.एच. निजी अस्पतालों के लिए 10,000 रुपए के हिसाब से निर्धारित किए गए हैं। जबकि एन.ए.बी.एच. से मान्यता प्राप्त अस्पतालों (निजी मैडीकल कॉलेजों जिनमें पी.जी. / डी.एन.बी. कोर्स नहीं हैं समेत) अस्पतालों के लिए 9,000 रुपए और एन.ए.बी.एच. से ग़ैर-मंज़ूरशुदा अस्पतालों के लिए 8,000 रुपए के हिसाब से निर्धारित किए गए हैं। इन श्रेणियों के अस्पतालों के लिए गंभीर बुख़ार (वेंटिलेटर की ज़रूरत के बिना आई.सी.यू.) के लिए क्रमवार 15 हज़ार, 14 हज़ार और 13 हज़ार रुपए तक की सीमा निर्धारित की गई है, जबकि बहुत ही नाज़ुक स्थिति वाले मरीज़ों के लिए यह दरें क्रमवार 18 हज़ार, 16500 और 15 हज़ार निर्धारित की गई हैं। एक सरकारी प्रवक्ता ने यह जानकारी देते हुए बताया कि इन सभी कीमतों में पी.पी.ई. की कीमत भी शामिल की गई है। निजी अस्पतालों को मामूली बुख़ार के मामलों के इलाज के लिए प्रोत्साहन देने हेतु डॉ. तलवार कमेटी ने ऐसे मामलों के लिए प्रतिदिन दाखि़ला फीस क्रमवार 6500 रुपए, 5500 रुपए और 4500 रुपए निर्धारित की है।
सरकार द्वारा यह कदम कोविड के इलाज सम्बन्धी निजी अस्पतालों द्वारा वसूल किए जाने वाले उपचार खर्च सीमा से अधिक लिए जाने के बाद उठाया गया है। मुख्यमंत्री को निजी तौर पर इस सम्बन्धी शिकायतें मिली थीं और उन्होंने डॉ. तलवार कमेटी और राज्य के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग को इस मामले की तरफ ध्यान देने और निजी अस्पतालों के साथ बातचीत करने के बाद वाजिब उपचार दरें निर्धारित करने के निर्देश दिए गए हैं।
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