जम्मू-कश्मीर में शहीद हुए जवान गुरचरण सिंह का पार्थिव शरीर पैतृक गांव हरचोवाल में पहुंचा, तो मचा कोलाहल
शहीद गुरचरण सिंह का सरकारी सम्मानों के साथ पार्थिव शरीर का किया अंतिम दाह संस्कार
(सलाम तारी)
कादियां,11 जून। बटाला के गांव हरचोवाल के रहने वाले फौजी जवान नायक गुरचरण सिंह (28) जम्मू-कश्मीर के जिले राजौरी में वीरवार को भारत-पाकि सीमा पर पाकिस्तान की तरफ से किए गए हमले में शहीदी का जाम पी गए। जैसे ही वीरवार को यह खबर गांव हरचोवाल में पहुंची तो पूरे गांव में शोक की लहर फैल गई। 7 अक्तूबर 1991 में जन्में गुरचरण सिंह 18 साल की आयु में ही फौज में भरती हो गया था। शहीद जवान गुरचरण सिंह के दो बच्चे हैं। पत्नी रंजीत कौर और मां पलविदंर कौर का बुरा हाल था। जैसे ही वीरवार की शाम को शहीद जवान गुरचरण सिंह का पार्थिव शरीर गांव हरचोवाल में पहुंचा तो गांव में कोलाहल मच गया। पारिवारिक सदस्य रोने बिलखने लगे । अंतिम दाह-संस्कार से पहले फौजी जवानों ने पहले शहीद को श्रद्धांजलि दी और इस मौके पर हल्का श्री हरगोबिंदपुर के विधायक बलविंदर सिंह लाड़ी और शहीद के पारिवारिक सदस्यों ने भी शहीद को श्रद्धांजलि दी। इसके बाद फौजी जवानों ने अपने हथियारों को झुकाकर और हवाई फायर करके शहीद गुरचरण सिंह को सलामी दी। शहीद के 6 महीने के बेटे अगमजोत सिंह अपने पिता शहीद गुरचरण सिंह की चिखा को मुखाग्नि दी और इसके बाद शाम को पूरे सरकारी सम्मानों से शहीद गुरचरण सिंह का गांव में अंतिम दाह संस्कार कर दिया गया। मां पलविंदर कौर ने बताया कि वीरवार को सुबह उन्हें फोन आया था कि उनका बेटा जख्मी हो गया है। इसके बाद गुरचरण सिंह की पत्नी रंजीत कौर को फोन आया कि गुरचरण सिंह शहीद हो गए हैं। बतां दे कि उक्त शहीद गुरचरण सिंह 14 सिख रेजिमैंट में तैनात था और भारत-पाकि सीमा पर पाकिस्तानी फौज द्वारा सीज फायर की उल्लंघना करते हुए हुए हमले में गुरचरण सिंह शहीद हुआ है। इस संबंध में शहीद सैनिक परिवार सुरक्षा परिषद के जनरल सचिव कुवंर रविंदर सिंह विक्की ने कहा कि सरकार शहीद गुरचरण सिंह के गांव में उसके नाम का यादगारी गेट बनाकर शहीद का सम्मान करें।